“शांतिपूर्वक, मैं शिक्षा प्रणाली में न्याय एवं समानता के लिए संघर्ष कर रहा था। लेकिन अब मैंने सत्य को
संकलित करते हुए, समाज में महिलाओ और पुरुषो के मध्य हर तरह की समानता, न्याय एवं उनकी सच्चाई के लिए लड़ना
है। इसके अलावा, एक ऐसा कारण जिसके लिए मैं अपनी जान तक भी दे सकता हूँ अगर देनी पड़े, वो यह है की एक ऐसा
राज्य जिसमे बिना किसी सुबूत के निर्दोषो को जल्दबाज़ी में कारागार में डाल देते है और उसको बाद में इसके लिए
क्षतिपूर्ति के लिए कुछ नहीं किया जाता है। राज्य अपनी सत्ता की ताकत का दुरुपयोग करता जा रहा है और ऐसा
करना मानवीय-अधिकारों का उल्लंघन है। इस संकट से लड़ने के लिए मैं एक ऐतिहासिक असंतोष व्यक्त करूँगा। मैंने
इसके विरुद्ध संघर्ष आरम्भ कर दिया है और अब ये अंत तक जाएग। दूसरा कारण जिसके लिए जान तक न्योछावर की जा
सकती है वो यह है, मीडिया और राजनेताओं द्वारा समाज में फैलाए गए झूठ की अस्वीकार्यता के खिलाफ आवाज़ उठाना, जैसे:
https://youtu.be/glUTRZ-fxpI "
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निशचल
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+अरे मैं! हे जीवन! - WALT WHITMAN
विश्वासयोग्य लोगों की अंतहीन ट्रेनों में से, मूर्ख लोगों के साथ,
अपने आप को हमेशा के लिए खुद को फटकारते हुए, (जो मैं से अधिक मूर्ख है, और जो अधिक विश्वासहीन है?)
उन वस्तुओं की, जो व्यर्थ ही प्रकाश की लालसा करती हैं, वस्तुओं का मतलब है, संघर्ष की कभी नवीकरण,
सभी के खराब परिणामों में से, मेरे आस-पास देखने वाली भीड़ और भीड़ की भीड़,
बाकी के खाली और बेकार सालों में से, बाकी मैं के साथ आपस में जुड़े,
सवाल, हे मुझे! बहुत दुखी, आवर्ती - इन के बीच क्या अच्छा है, हे मुझे, हे जीवन?
उत्तर:
कि आप यहाँ हैं - कि जीवन मौजूद है और पहचान,
कि शक्तिशाली नाटक चल रहा है, और आप एक कविता का योगदान दे सकते हैं।